क्या आपके बच्चे को Autism या ADHD या दोनों हैं?

Parenting is never easy — लेकिन जब आपके बच्चे को Autism, ADHD या दोनों हों, तो यह एक जर्नी बन जाती है… एक ऐसी जर्नी जो चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ बेहद खास होती है।
इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि Autism और ADHD क्या होते हैं, दोनों के बीच क्या अंतर है, और अगर आपके बच्चे को इन दोनों में से कोई एक या दोनों हैं, तो आप क्या करें।


Autism और ADHD — समझें फर्क और समानता

Autism Spectrum Disorder (ASD) एक neurodevelopmental condition है जिसमें बच्चे को social interaction, communication और repetitive behavior में कठिनाई होती है।
वहीं, Attention-Deficit/Hyperactivity Disorder (ADHD) एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चा hyperactive होता है, उसका ध्यान जल्दी भटकता है, और impulsive behavior दिखाता है।

पर क्या ये दोनों साथ हो सकते हैं? हाँ!

Autism और ADHD का कॉम्बिनेशन uncommon नहीं है। कई बच्चों में दोनों traits एकसाथ पाए जाते हैं। इसका मतलब है कि बच्चे को ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है और साथ ही वो social या communication struggles से भी जूझ सकता है।


कुछ सामान्य लक्षण जो एक पेरेंट नोट कर सकता है:

अगर बच्चा…

ध्यान नहीं लगाता, बार-बार भटक जाता है

बहुत अधिक उर्जावान या hyperactive लगता है

किसी विषय में जरूरत से ज्यादा fixated रहता है

आँखों में आंखें डालकर बात नहीं करता

बदलाव से परेशान हो जाता है

बार-बार एक ही हरकत दोहराता है

भाषा या बोलचाल में देरी दिखाता है

तो ये संकेत Autism, ADHD या दोनों के हो सकते हैं।


अब सवाल ये है: अगर हाँ, तो क्या करें?

  1. Diagnosis ज़रूरी है:

सटीक मूल्यांकन (assessment) Pediatric Neurologist, Child Psychologist या Developmental Pediatrician से कराएं।

  1. जल्द Intervention का मतलब बेहतर रिजल्ट:

Early therapies जैसे Speech Therapy, Occupational Therapy, ABA Therapy से बच्चों को शानदार improvement मिल सकता है।

  1. होशियार बनिए, शर्मिंदा नहीं:

Diagnosis का मतलब ये नहीं कि कुछ “गलत” है। इसका मतलब है — अब आप अपने बच्चे को और बेहतर समझ सकते हैं।

  1. हर बच्चा अलग होता है:

कुछ बच्चे verbal होते हैं, कुछ non-verbal। कुछ academically तेज होते हैं, कुछ को support चाहिए होता है। आप अपने बच्चे को दूसरे से न तौलें।


Parenting Tips — जिनसे आपको मदद मिलेगी

बच्चे को structured routine दें

Visual schedules और timers का प्रयोग करें

Positive reinforcement यानी तारीफ का असर जबरदस्त होता है

Sensory needs को पहचानें और समझें

अपने लिए भी support system बनाएं — groups, counselors, coaches


Study Wizz कहता है:

“Autism या ADHD कोई सीमा नहीं है, ये एक नया रास्ता है — जिसे समझदारी, धैर्य और प्यार से तय किया जा सकता है।”
हमारा उद्देश्य है:
Educate – Empower – Enlighten.

आप अकेले नहीं हैं — Study Wizz आपके साथ है।
हम आपके लिए लाते हैं:

एक्सपर्ट गाइडेंस

आसान भाषा में समझाया गया कंटेंट

Therapy-Based Learning Techniques

और सबसे जरूरी — पेरेंटिंग में पॉजिटिविटी

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